भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना से इस बार 1.63 लाख महिलाओं को बाहर कर दिया गया है। इस फैसले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार धीरे-धीरे इस योजना को समाप्त करना चाहती है।
कमलनाथ का भाजपा पर हमला
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा,
“मध्य प्रदेश में लाड़ली बहनों से मोहन यादव सरकार की धोखाधड़ी जारी है। ऐसा लगता है जैसे भाजपा इस योजना को समाप्त करना चाहती है। चुनाव से पहले भाजपा ने 3 हज़ार रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, लेकिन अब सम्मान राशि बढ़ाने की बजाय महिलाओं को योजना से बाहर किया जा रहा है।”
महिलाओं को योजना से बाहर करने के कारण
सरकार की ओर से दावा किया गया है कि जिन महिलाओं की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो गई है, उन्हें योजना से बाहर किया गया है। हालांकि, कमलनाथ ने इस दावे पर सवाल उठाते हुए कहा,
“जो महिलाएं पात्रता आयु में आ गई हैं, उनका नया पंजीकरण क्यों नहीं हो रहा? यह भाजपा सरकार का षड्यंत्र है, ताकि धीरे-धीरे इस योजना को समाप्त किया जा सके।”
क्या है लाड़ली बहना योजना?
‘लाड़ली बहना योजना’ मध्य प्रदेश सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत प्रदेश की पात्र महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
राजनीतिक विवाद गहराया
कमलनाथ के आरोपों के बाद यह मामला राज्य में चर्चा का केंद्र बन गया है। भाजपा सरकार की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
महिलाओं की नाराज़गी बढ़ी
योजना से बाहर की गई महिलाओं के बीच निराशा और नाराज़गी देखी जा रही है। सरकार से सवाल किया जा रहा है कि क्या यह योजना केवल चुनावी वादे तक सीमित थी।
आगे की राह:
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस मुद्दे को विपक्ष आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बना सकता है। वहीं, भाजपा सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी, ताकि महिलाओं की नाराज़गी को कम किया जा सके।
लाड़ली बहना योजना में महिलाओं की संख्या घटने और आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विवाद को किस तरह सुलझाती है।