मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी में बेहिसाब संपत्ति बरामद होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बड़ा आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सवाल उठाए हैं।
दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में हाईकोर्ट के मौजूदा जज से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ पर दबाव बनाया गया था कि वे सिंधिया के करीबी माने जाने वाले एक नेता को परिवहन मंत्री बनाएं।
सिंधिया का पलटवार
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने उन्हें निशाना बनाया है। ग्वालियर के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे सिंधिया ने कहा, “दिग्विजय सिंह ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा मेरे पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया और मुझे टारगेट करने में बिताया है। मैं हमेशा उनका सम्मान करता हूं और कभी उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। मेरी विचारधारा लोगों की सेवा करना है, यही मेरा लक्ष्य है।”
क्या है घोटाले का मामला?
लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापे मारकर बड़ी मात्रा में संपत्ति बरामद की थी। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने इस मामले को सार्वजनिक करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
दिल्ली चुनाव को लेकर सिंधिया का दावा
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विश्वास जताया कि भाजपा हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह दिल्ली में भी शानदार जीत दर्ज करेगी।
इस मुद्दे ने मध्य प्रदेश की राजनीति को एक बार फिर से गर्मा दिया है, जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और विपक्ष कितनी मजबूती से इस मुद्दे को आगे बढ़ाता है।