Wednesday, January 22, 2025

India में बढ़ रहे HMPV वायरस के मामले, बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की जरूरत

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Yash Pandey
Yash Pandey
पत्रकार

भारत में कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कुल 14 मामले सामने आ चुके हैं। शुक्रवार को राजस्थान और गुजरात से दो नए केस रिपोर्ट हुए। राजस्थान के बारां में 6 महीने की बच्ची और गुजरात के अहमदाबाद में 9 महीने का बच्चा इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

इससे पहले गुरुवार को लखनऊ, अहमदाबाद और हिम्मतनगर से तीन मामले सामने आए थे। लखनऊ में 60 साल की महिला, अहमदाबाद में 80 साल के बुजुर्ग, और हिम्मतनगर में 7 साल का बच्चा HMPV पॉजिटिव पाए गए थे।

राज्यों में सतर्कता बढ़ी
HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं। पंजाब में बच्चों और बुजुर्गों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। गुजरात में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं, जबकि हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग को इस वायरस पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

HMPV वायरस: छोटे बच्चों पर अधिक प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ता है, खासकर 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर। यह वायरस सर्दी, खांसी और कोविड-19 जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। केंद्र सरकार ने राज्यों को ‘इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस’ (ILI) और ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन’ (SARI) जैसी सांस की बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हैं।

HMPV कोई नया वायरस नहीं: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। 2001 में इस वायरस की पहली बार पहचान की गई थी। यह मुख्यतः सांस के जरिए फैलता है और सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है।

HMPV वायरस से जुड़े कुछ सवाल-जवाब
HMPV वायरस क्या है?
HMPV एक RNA वायरस है, जो सर्दी और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। इससे खांसी, गले में खराश, बुखार, और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

यह वायरस कैसे फैलता है?
HMPV खांसने, छींकने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। वायरस से संक्रमित वस्तु को छूने से भी संक्रमण हो सकता है।

क्या HMPV और कोरोना वायरस एक जैसे हैं?
HMPV और कोरोना वायरस अलग-अलग फैमिली के वायरस हैं, लेकिन दोनों में कई समानताएं हैं:

दोनों श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
खांसी और छींक के जरिए फैलते हैं।
बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अधिक प्रभावित करते हैं।
क्या HMPV वायरस के लिए कोई वैक्सीन है?
अभी तक HMPV वायरस के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। सामान्य लक्षणों को घर पर रहकर मैनेज किया जा सकता है। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी और अन्य चिकित्सा सेवाओं की जरूरत हो सकती है।

HMPV के प्रति सरकार का रुख
भारत सरकार ने कहा है कि देश में ICMR और IDSP के जरिए फ्लू और सांस से जुड़ी बीमारियों की निगरानी के लिए मजबूत सिस्टम मौजूद है। ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है।

ICMR ने HMPV की टेस्टिंग के लिए लैब की संख्या बढ़ाने और पूरे साल इस वायरस की निगरानी करने का फैसला लिया है।

बचाव के उपाय
मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
बार-बार हाथ धोएं।
पौष्टिक भोजन और पर्याप्त पानी का सेवन करें।
बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी मजबूत रखने पर ध्यान दें।
देश में HMPV के मामलों पर स्वास्थ्य विभाग नजर बनाए हुए है। इस वायरस के खतरे से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।

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